सफलता की कहानी,हाथी प्रभावित वनांचल क्षेत्र में पीएम आवास बना हितग्राहियों के लिए सुरक्षाकवच
गुड न्यूज छत्तीसगढ़।सारंगढ़
सारंगढ़-बिलाईगढ़/वनांचल में हाथी का विचरण और पीएम आवास दोनों वनवासियों के जीवन में चर्चा का विषय बना रहता है। वनवासी जिनके मिट्टी से बने कच्चे घर में महुआ, धान, चावल की खोज में हाथी आते हैं और घर को तोड़कर महुआ, धान चावल को खा जाते हैं। इससे लोगों में जान का भी खतरा बना रहता है। ऐसे में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के माध्यम से ऐसे पात्र वनवासी हितग्राहियों का चयन कर राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से प्रधानमंत्री आवास योजना का पक्का मकान बना कर दिया गया, जिससे वनांचल के ऐसे ग्रामीण अपनी जान माल और धान चावल की सुरक्षा करते हुए अपने दैनिक सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं। सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के गोमर्डा अभ्यारण के वनांचल कनकबीरा और आश्रित ग्रामों में यह जीवंत उदाहरण है। कनकबीरा गांव में नारद खुड़िया, गायत्री यादव, देवानंद खुड़िया जैसे कई पीएम आवास हितग्राही परिवार हैं जिनका पक्का मकान, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत बनाया गया है। इन ग्रामीणों से बातचीत करने पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को, पीएम आवास प्रदान करने के लिए आभार और धन्यवाद व्यक्त किए हैं। ग्रामीणों ने कहा कि पहले कच्चे मकान होने से उन्हें दिन-रात हाथी के भय का चिंता लगा रहता था अब पीएम आवास हो जाने से उनके जान बचाने के लिए एक सुरक्षा कवच बन गया है। हितग्राही नारद ने कहा कि हम लोग सरकार के मदद के बिना पक्का मकान नहीं बना सकते थे। सरकार के सहयोग से हमारा पक्का मकान बना है। पहले कच्चा मकान होने पर हर साल खपरैल वाले छत में बंदर के आने से खपरैल टूट जाते थे तो उसको बदलना पड़ता था। अब पक्का मकान हो जाने से बंदर से कोई नुकसान नहीं है। कनकबीरा की पीएम हितग्राही परिवार की गायत्री यादव कहती हैं कि यह वनांचल क्षेत्र हाथी प्रभावित क्षेत्र है। पीएम आवास योजना से पक्का मकान बन जाने से अब भय नहीं रहता है। जिले में अब तक 44 हजार 914 पीएम ग्रामीण आवास निर्मित हो चुके हैं, जिसमें तीनों ब्लॉक सारंगढ़, बिलाईगढ और बरमकेला के वनांचल क्षेत्र भी शामिल है।
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