आज छात्र लर्निंग पर नहीं बल्कि अर्निंग पर ध्यान दे रहे इसे रोकना शिक्षकों की पूरी जवाबदारी- प्रो.जी.ए.घनश्याम

आज छात्र लर्निंग पर नहीं बल्कि अर्निंग पर ध्यान दे रहे इसे रोकना शिक्षकों की पूरी जवाबदारी- प्रो.जी.ए.घनश्याम

 


गुड न्यूज छत्तीसगढ़।सारंगढ़

राष्ट्रीय शिक्षा नीति  2020  में भारतीय ज्ञान परंपरा की झलक 


सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के सारंगढ़ क्षेत्र के बंधापाली पर स्थित के.पी.महाविद्यालय में रविवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर एक कार्यक्रम रखा गया था । जिसके मुख्य अतिथि  छ.ग.राज्य नोडल अधिकारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020  प्रोफेसर जी.ए.घनश्याम उपस्थित हुए।इन्होंने विद्यालय एवं महाविद्यालय में उपस्थित शिक्षक शिक्षिकाओं को  कहा कि अपनी भाषाओं का उपयोग बहुत आवश्यक है।जिससे हमारी पहचान होती है।प्रदेश और देश की शान होती है।उन्होंने कहा छात्रों के लिए शिक्षा को आसान कैसे बनाएं इस टिप्पणी पर चर्चा करते हुए बताया कि आज छात्र लर्निंग पर नहीं बल्कि अर्निंग पर ध्यान दे रहे हैं शिक्षकों की पूरी जवाबदारी बनती है कि छात्रों को गुड टच देकर इस मानसिकता से निकाला जाय और नई शिक्षा नीति पढ़ाई जाए।नई शिक्षा नीति पर बात करते हुए कहा कि छात्रों में विषयों को लेकर जो अभिरुचि है उस हिसाब से विषयों को लेने को आजादी देती है।और इसीलिए पुरानी जो शिक्षा नीति है नेशनल पॉलिसी ऑफ एजुकेशन इसको बदल कर राष्ट्रीय शिक्षा नीति लेकर आए जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके।ताकि वह रटी हुई विद्या से निकल कर मानसिक रूप से विकसित होकर समाज में खुद को प्रतिस्थापित कर सके।शिक्षा नीति की आवश्यकता आज नहीं बल्कि बहुत पहले से थी 1986 से इसकी शुरुआत हुई और फिर 1992, 2009,2020 और हर बार एक अच्छा परिवर्तन कर सुधार ला रहे हैं।और इस बार इसका परिवर्तन आवश्यक था क्योंकि हमारे देश में ग्रेजुएट तो बहुत हैं पर कौशल किसी में नहीं हैं।इसी हुनर और कौशल को आगे लाने में सलाहकार या सहयोग की भूमिका निभाती है।वर्तमान में हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं में ही यह शिक्षा नीति चल रही है आगे चलकर देश के अलग-अलग भाषाओं के अनुभवी प्रोफेसरों को भी लेकर आएंगे।जो इन भाषाओं के साथ इस नीति को और भी आगे लेकर जाएंगे।

दैनिक भास्कर से चर्चा पर बताया कि अभी तक छत्तीसगढ़ प्रदेश में335 शासकीय महाविद्यालयों में 315 अशासकीय महाविद्यालयों में 9 राजकीय विश्वविद्यालयों में से 7 विश्वविद्यालयों में  और 17 निजी विश्वविद्यालयों में यह शिक्षा दी जा रही है।यह शिक्षा नीति विकसित भारत 2047 की कल्पना को लेकर चल रही है इसके लिए पूरे युवा वर्ग को प्रशिक्षित करना है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति से युवा वर्ग शिक्षित होगा तो  देश भी विकसित होने लगेगा।2047 हमारा मुख्य गोल है जो इस नीति से भारत को विकसित  भारत बनाएंगे।

इस दौरान में प्राचार्य शास.एम.एम.आर.चांपा प्रो.बी.डी.दीवान,डी.पी.विप्र महाविद्यालय बिलासपुर प्रो.व्ही.के.पटेल,प्राचार्य शास.के.एम.टी.कन्या महाविद्यालय रायगढ़ प्रो.सुषमा तिवारी,किरोड़ीमल शास.कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रायगढ़ प्रो.रविंद्र कौर चौबे,शास.लक्ष्मणेश्वर महाविद्यालय खरौद प्रो. उत्तरा निराला,संचालक के.पी.विद्यालय एवं महाविद्यालय पुरुषोत्तम पटेल,एम.डी.के.पी.महाविद्यालय बंधापाली जयराम पटेल,प्राचार्य के.पी.स्कूल संतोष पटेल के अलावा बड़ी संख्या अन्य जिले के शिक्षक गण उपस्थित रहे।

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