चिंतित हैं....आज सभी बुद्धिजन, कैसे बचाएँ हम....अपना पर्यावरण ?खीरसागर पटेल
गुड न्यूज छत्तीसगढ़।
कोई कहे....नए वृक्ष लगाओ,
कोई कहे....जो हैं उन्हें बचाओ I
आमतौर पर देखा जाता रहा है कि, लोगों के मध्य इस प्रकार के भ्रम बने रहते हैं I जो कि पर्यावरण के सतत सरंक्षण के लिए एक प्रमुख अवरोध के रूप में बनी रह जाती है I इन सब वैचारिक अवरोध से निपटने के लिए हम सब आमजन को ही आगे आना होगा और हमारे पर्यावरण के संरक्षण के दिशा में अपने स्तर पर कार्य करना होगा I
हमारा पर्यावरण तो, मुख्य रूप से जन, जंगल, जमीन, जल और वायु से मिलकर बना हुआ है I इसलिए पर्यावरण का संरक्षण भी इन सभी तत्वों के सरंक्षण पर निर्भर करती है I
प्रायः हमारे आस-पास यह देखा जा सकता है, कि लोगों एवं उद्योगपतियों के द्वारा पेड़ काटने के बदले वृक्षारोपण तो किया जाता है, किंतु इस वृक्षारोपण में लगाए गए पौधों को पुनः पेड़ बनने में 3-5 वर्ष का समय लगता है I इसलिये हमारे पर्यावरण में इसके विपरीत प्रभाव देखने को मिलता है l इसका जीवंत प्रमाण बीते दिनों में हुई तापमान वृद्धि से देखा जा सकता है, देश के कई शहरों में 50°C से भी अधिक तापमान पहुंच चुका था l इसलिए, इस प्रकार के भ्रांतियों को जो शासन-प्रशासन, उद्योगपतियों एवं आमजन में फैला है उसे जल्द से जल्द दूर करने की आवश्यकता है I
यह धरती, वन, जल और संसाधन हमें प्रकृति ने एक दायित्व के साथ सौंपी है I यह हमारा कर्तव्य है, कि हम इन्हें संरक्षित कर आने वाले पीढ़ी के लिए एक सुंदर और स्वस्थ वातावरण प्रदान करें l
आइये इस पर्यावरण दिवस पर हम पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लें और एक-एक पेड़ हम सब लगाएं I
*खीरसागर पटेल*
शोधार्थी, गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर
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