शिक्षक ऐसा हो जो छात्र की कमजोरी को उसकी मजबूती बना दे-कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा

शिक्षक ऐसा हो जो छात्र की कमजोरी को उसकी मजबूती बना दे-कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा


कलेक्टर ने कहा अगले शिक्षा सत्र में उत्कृष्ट परीक्षा परिणामों के लिए अभी से जुट जाएं

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पर भी रहेगा फोकस
कलेक्टर श्री सिन्हा ने ली प्राचार्यों की समीक्षा बैठक

रायगढ/ नवीन शिक्षा सत्र शुरू होने से पूर्व कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों के प्राचार्यों की समीक्षा बैठक ली। जिसमें इस वर्ष के परीक्षा परिणामों और अगले सत्र के लिए कार्ययोजना की समीक्षा की गई। सीईओ जिला पंचायत श्री जितेन्दर यादव भी बैठक में उपस्थित रहे। कलेक्टर श्री सिन्हा ने इस दौरान कहा कि इस वर्ष के परीक्षा परिणाम अपेक्षाकृत उतने अच्छे नहीं रहे है। इसे अगले शिक्षा सत्र में सुधारकर बेहतर करने की जरूरत है। जिसकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी शिक्षकों पर है। अगले शिक्षा सत्र में उत्कृष्ट परीक्षा परिणामों के लिए अभी से जुट जाएं। जिला स्तर से नियमित रूप से इसकी समीक्षा होगी और लापरवाही मिलने कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
         कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि सरकार स्कूलों को बेहतर करने के लिए संसाधनों को बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना से शालाओं का जीर्णोद्धार हो रहा है। करोड़ों रुपए इसमें खर्च किए जा रहे हैं। स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले जा रहे हैं ताकि फीस की चिंता किए बिना पालक अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ा सकें। इन सभी प्रयासों का सार तभी निकलेगा जब रिजल्ट अच्छा आएगा, बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होकर आगे बढ़ेंगे। कलेक्टर श्री सिन्हा ने लोक कथा का उदाहरण देते हुए कहा कि शिक्षक ऐसा हो जो छात्र की कमजोरी को उसकी मजबूती बना दे। उन्होंने कक्षा में बच्चों का आंकलन करने तथा मेधावी छात्रों के साथ ही कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि रायगढ़ मैदानी इलाके का जिला है यहां संसाधनों की कमी नहीं है। ऐसे में यहां उत्कृष्ट परिणाम की अपेक्षा हमेशा रहेगी। जिसके लिए अगले शिक्षा सत्र में पूरे साल भर मेहनत करना है।
        सीईओ जिला पंचायत श्री जितेन्दर यादव ने इस मौके पर प्राचार्यों से कहा कि पालक स्कूलों में दाखिला करा कर अपने बच्चों के भविष्य संवारने की जिम्मेदारी शिक्षकों को देते हैं। जिसे पूरा करना उनका दायित्व है। उन्होंने सभी प्राचार्यों से कार्ययोजना तैयार कर इस मुहिम का हिस्सा बनने की बात कही। समीक्षा बैठक व वर्कशॉप में जिला शिक्षा अधिकारी श्री बी.बाखला, सहायक संचालक शिक्षा श्री के.के.स्वर्णकार, श्री आलोक स्वर्णकार, श्री भुनेश्वर पटेल सहित सभी विकासखण्डों के बीईओ, एबीओ और जिले के लगभग 210 हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों के प्राचार्य शामिल हुए।
शिक्षकों की नियमित और समय पर उपस्थिति जरूरी-कलेक्टर
कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि अध्यापन का कार्य बड़ी जिम्मेदारी का होता है। हजारों लाखों बच्चों का भविष्य आपके हाथों में होता है। ऐसे में आवश्यक है कि पूरे समर्पण के साथ यह कार्य किया जावे। सभी शिक्षक नियमित रूप से और समय पर स्कूल पहुंचे। बच्चों की रेगुलर क्लास लें। लापरवाही करने पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
प्राचार्यों का हुआ वर्कशॉप, एक्सपट्र्स ने दिए टिप्स
बैठक के पश्चात सभी प्राचार्यों के लिए वर्कशॉप भी रखी गई। जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे एक्सपट्र्स ने अपने अनुभव साझा किए व कई महत्वपूर्ण टिप्स भी दिए। जशपुर के संकल्प संस्थान के श्री विनोद गुप्ता ने सभी प्राचार्यों को प्रेजेंटेशन के माध्यम से स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई को बेहतर करने के टिप्स दिए। इसके साथ ही एनजीओ मंकी स्पोट्र्स के प्रतिनिधि ने भी खेल खेल में पढऩे के तरीकों के बारे में जानकारी दी। जिससे रोचक तरीके के बच्चों को किसी विषय के कॉन्सेप्ट समझाए जा सकते हैं।

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