शादी का सीजन जोरो पर, तपती गर्मी से लोगो का हाल-बेहाल
शादी का सीजन जोरो पर, तपती गर्मी से लोगो का हाल-बेहाल
सारंगढ़ न्यूज।इन दिनों एक तरफ आग जैसे लपटें छोड़ने वाली गर्मी लोगो का हाल बेहाल है वही दूसरी तरफ शादी के समारोह का कार्यक्रम जोरों पर है।वर्तमान में 44 से 45 डिग्री तापमान मापा जा रहा है।जो लोगों को चक्कर देकर लू लगाने के लिए काफी है।कुछ प्रभवित भी हो रहे है।हालाकि शादी के लग्न का यह अंतिम माह माना जा रहा है।तो इसी अंतिम लग्नों में रिश्ते बहुत ही ज्यादा जुड़ रहे हैं और शादियां हो रही हैं।किसी भी समाज के लोग हो इस साल बहुत ही ज्यादा शादियां क्षेत्र में देखने को मिल रही हैं।कहा जाता है की शादी लग्न का बड़ा मुहूर्त जून माह के अंतिम तक ही रहता है।इसके बाद शादी का लग्न लगभग पूरी तरह से खत्म हो जाता है।जिसके कारण खासकर ग्रामीण मई के महीने से ही रिश्ते फिक्स करने जोरों पर लगे हुए रहते हैं ताकि लग्न जल्दी बन जाए और शादी पूर्ण हो सके।गर्मियों के बीच शादी कराने में शादी वाले घरों में बहुत देखा जाता है कि रिश्तेदारों के ही व्यवस्था में वहां लगे रहते दिखाई देते हैं।शादी निपटने का टेंशन और गर्मी से माहौल थोड़ा और गर्म देखने को मिलता है।ऐसे में वर्तमान का समय शादी लग्न के लिए बहुत हि अच्छा उदाहरण है।
भीषण गर्मी के बीच शादी समारोह में मेहमानों की होड़
चित्रसेन पटेल ने भास्कर से चर्चा पर बताया कि गर्मी अपने चरम पर है जो लोगों को झुलसाने के लिए काफी है।बावजूद इसके लोग शादी समारोह में जाने से रुक नहीं रहे।हालाकि रिश्तेदारी में मजबूती के लिए यह आवश्यक है पर 3 दिनों के विवाह समारोह में रिश्तेदारों की भीड़ शादी के 3 दिन पहले और शादी के कुछ दिन बाद तक समारोह वाले घरों में रुकते हैं।मेहमानों की भीड़ में गर्मी से बचने के लिए घर वाले कूलर,पंखे,फ्रीज का ठंडा पानी की व्यवस्था करने में काफी व्यस्त रहते दिखाई देते हैं।खासकर दोपहर के समय में क्योंकि रात में सोने के लिए खुले आसमान के नीचे छत पर सो जाते हैं।
शादी के बड़े लग्न के बीच खर्चे भी बढ़े
नरेश पटेल,देवराज पटेल ने चर्चा के दौरान बताया कि शादी समारोह का कार्यक्रम क्षेत्रों में मार्च के महीने से चल रहे हैं।और लोगों के रिश्तेदारी में हर माह वर्तमान समय जून तक कम से कम 1 से 2 शादियों का लग्न बन रहा है।जिसमें रिश्तेदारों के लिए न्यौता के रूप में गिफ्ट देने लिफाफा देने में खर्चों का अंबार बन रहा है।खासकर इसका प्रभाव मिडिल क्लास जैसे छोटे किसान और ग्रामीणों पर ज्यादा देखा जा रहा है।जिसके कारण कई रिश्तेदारों के पास पैसे न होने से उधार लेकर रिश्तेदारों को लिफाफा और गिफ्ट दे रहे हैं जिनके कारण लोगों पर उधार भी चढ़ रहा है।
रिश्तेदारी निभाना एक बड़ी जिम्मेदारी
टेकराम पटेल बताते हैं कि भारतीय संस्कृति में रिश्तेदारी निभाना एक बड़ी परंपरा है।जिसको आज के मॉडर्न जमाने में भी लोगों ने जिंदा रखा हुआ है।ऐसे में अगर किसी रिश्तेदार के घर कोई निमंत्रण आया है तो वहां जाने की परंपरा देखा जाता है।ऐसे में रिश्तेदार चाहे जैसे भी स्थिति में हो अपनी परंपरा निभा रहे हैं जो वर्तमान के शादियों के सीजन में अच्छी तरह से देखने को मिल रहा है।जो इतनी भीषण गर्मी में भी समारोह में शामिल हो रहे हैं।
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