भीषण गर्मी से आम जनजीवन हुआ प्रभावित,लू जैसे स्थिति 10 बजे से

भीषण गर्मी से आम जनजीवन हुआ प्रभावित,लू जैसे स्थिति 10 बजे से


सारंगढ़ न्यूज।इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी ने सभी लोगो को खासा परेशान कर रहा है। दिन तो दिन लोगो को रात में चैन नही मिल रही है। दोपहर में बहुत ज्यादा तपिश होने और लू जैसे स्थिति बनी हुई है।जिसमें आमजन गर्मी के तपन से बहुत ही ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।वर्तमान समय में  गर्मी का पारा 43 डिग्री से 44 डिग्री तक पहुंच जा रहा है। चाहे कोई भी कार्यक्षेत्र हो प्रभावित नजर आ रहे हैं।कुछ ही दिन पहले नवतपा खत्म हुआ है लेकिन नवतपा के खत्म होने के बाद  उससे कहीं ज्यादा गर्मी की तपन लोगों को महसूस हो रही है।जिससे गांव की गलियां,रास्ते,चौक-चौपाल भी सुने नजर आ रहे हैं।लोग बेहद ही ज्यादा जरूरी कामों के लिए घरों से निकलना पसंद कर रहे हैं।जो लोग कहीं दूसरे गांव या शहर जाना चाहते हैं वह सुबह 7 बजे से पहले ही आवागमन के निकल  कर 10 बजे तक घर वापस मजबूरी है। शाम के समय में 6 बजे के बाद घरो से निकल रहे है क्योंकि गर्मी की दिनभर में तपिश इतनी भयानक है की इसका असर रात के 8 बजे तक दिखाई दे रहा है।लोग तपती गर्मी से बचने के लिए गमछे और चश्में का सहारा लेकर साथ में पानी की बोतल लेकर सफर कर रहे हैं ताकि लू लगने से बचा जा सके।ग्रामीण गोपाल पटेल,नरेश पटेल,पंचराम पटेल चर्चा पर बताते हैं कि आमजनजीवन इतना ज्यादा प्रभावित हो चुका है कि  रात में भी गर्मी के वजह से कमरे में जाने की हिम्मत नहीं कर रहे बल्कि चौपालों पर लोग एक साथ इकट्ठा होकर रात के 11 से 12 बजे तक खेती और गर्मी के साथ अन्य विषयों पर चर्चाएं करके अपना समय काट रहे हैं।खेती के लिए किसान सुबह 4 बजे से ही उठकर खेतों में जुताई करना,गोबर खाद छिड़काव, मेड़ दुरुस्त जैसे कार्यों को कर रहे हैं और 9 बजे के पहले ही काम निपटा कर घर वापस लौट जा रहे हैं। 


वाटरलेवल फिर से गिरा नीचे 

ग्रामीण दीपक पटेल ने भास्कर से चर्चा के दौरान बताया कि कुछ दिन पहले सारंगढ़ क्षेत्र के गावों में हुई हल्की बारिश और बदली से वाटरलेवल अच्छा हो गया था।लेकिन इसके बाद बारिश न होने और गर्मी की तेज तपिश के कारण क्षेत्र में वाटरलेवल पुनः डाउन हो गया है।जिसके चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।गर्मी की तपिश इतनी भरी ज्यादा है की नदी-नाले, तालाब, कई ट्यूबवेल,कुंवा सुख चुके हैं।जिसके चलते आवारा मवेशी भी प्यास के चलते पानी की तलाश में अब लोगों के घरों में घुसने लगे हैं।आमजन लोगों को नहाने के लिए पानी मिलना मुश्किल हो रहा है।जो लोगों के लिए एक बड़ी समस्या है। 


पंखे,कूलर भी काम नहीं कर पा रहे गर्मी की तपिश 

बघनपुर के मनोज पटेल ने चर्चा पर बताया कि गर्मी इतनी ज्यादा है कि पंखे कूलर भी गर्मी की तपिश को कम नहीं कर पा रहे हैं।खासकर दोपहर के समय में लोगों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।क्योंकि धूप की किरण दोपहर के समय में चरम पर रहता है साथ ही घर के बीचों बीच में धूप के पड़ने से घर में लगे पंखे और कूलर उल्टे आग की लपटों की तरह हवा देते हैं।जिससे एक अजीब सी जलन शरीर को महसूस होती है।लोग दिनभर की तपिश से रात को घरों में आग जैसे ज्वलनशील उमस रहती है जिसके कारण लोग घर के छतों और आंगन में सो रहे हैं।इतने हाई ट्रेमप्रेचर में सरवाइव करना एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है। 


जूस, शर्बत,आइसक्रीम और कोल्ड्रिंक्स की डिमांड बढ़ी 

तपती और जलती गर्मी से राहत पाने के लिए जूस सेंटरों में दुकानों में भीड़ थोड़ी बढ़ी हुई नजर आई है।चाहे वह गन्ने के रस हो या दुकानों में मिलने वाले पैकेजिंग डिब्बे के कोल्ड्रिंक्स या आइसक्रीम हों बिक्री में तेजी दिखी है। लोग धूप के जलन से बचने के लिए मुंह को ठंडा करने के लिए इन चीजों का उपयोग कर रहे हैं। 


सब्जी खेती की शुरुआत में थोड़ी देरी 

वर्तमान की गर्मी और जल समस्या को देखते हुए किसानों के चेहरे नाखुश नजर आ रहे हैं।किसान सरोज पटेल ने चर्चा पर बताया कि धूप इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि सब्जियों के लिए लगाए गए प्लांटेशन को बचाना नामुमकिन सा हो जा रहा है।और वाटरलेवल इतना नीचे है की लोगों को पीने तक पानी के लिए समस्या है तो खेती की जल्दी शुरुआत संभव ही नहीं है।हालाकि अभी मिर्च,टमाटर,और गोभी जैसे सब्जियों के लिए प्लांटेशन तैयार किया जा रहा है पर अच्छी बारिश के बाद ही खेती की शुरुआत संभव है। 

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